कृषि उद्योगों के लिए 40 करोड़ की परियोजना
और मेरा सीना चौड़ा हो गयाः शरद पवार
शरद पवार देश के उन वरिष्ठ राजनेताओं में से हैं, जिन्होंने देश की राजनीति पर गहरा असर डाला है। एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले पवार स्वर्गीय यशवंत राव चौहान के राजनीतिक वारिस माने जाते हैं। वह 1967 में पहली बार विधायक बने और चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चुने गए। केंद्रीय मंत्रिमंडल में वह कई बार अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। आजकल वह कृषि मंत्री हैं। दुर्भाग्य से उन्हीं के कार्यकाल में किसानों ने आत्महत्या की जिस कारण पवार को बदनामी भी झेलनी पड़ी लेकिन मैदान छोड़कर भागना उनका स्वभाव नहीं। उन्होंने देश की कृषि को फिर से पटरी पर लाने के लिए कड़ी मेहनत की और 4.5 फीसदी विकास दर का कीर्तिमान स्थापित किया। कृषि क्षेत्र के विकास, महंगाई और दूसरे प्रमुख सवालों पर कृषि मंत्री शरद पवार से...
विकास के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान
फतेहाबाद, जागरण संवाद केंद्र 25 जून किसान अधिक पैदावार के लिए कृषि उपकरणों के साथ-साथ आधुनिक खेती को अपनाएं । यह आह्वान जिला उपायुक्त ओ पी श्योरान ने स्थानीय अनाज मण्डी में आत्मा स्कीम के अन्तर्गत आयोजित किसान मेला व प्रदर्शनी में उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए किया। उन्होंने कहा कि कृषि योग्य भूमि लगातार कम होती जा रही है। खाद्यान्नों की माग में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में किसान अधिक पैदावार के लिए आधुनिक कृषि उपकरण इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि किसान अच्छी किस्म के बीज,खाद व दवाईयों...
ओलावृष्टि नियंत्रण प्रणाली के लिए मांगे 27 करोड़
शिमला बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा ने राज्य के फल उत्पादक क्षेत्रों विशेषकर शिमला, कुल्लू, मंडी व चंबा जिलों में ओलावृष्टि नियंत्रण प्रणाली स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से 27 करोड़ रुपये स्वीकृत करने का आग्रह किया है। उन्होंने दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में आढ़तियों के बागवानों से वसूली...
ठाकरे सामाजिक नेता जबकि उद्धव राजनीतिज्ञ
मुंबई। शिव सेना नेता मनोहर जोशी का कहना है कि सेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे राजनीतिज्ञ हैं जबकि उनके पिता बाल ठाकरे एक सामाजिक नेता ज्यादा रहे हैं। बाल ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच समानता के सवाल पर जोशी ने कहा कि वे दोनों भारी भीड़ को आकर्षित कर लेते हैं। बाला साहेब ज्यादातर शहरी इलाकों पर ध्यान देते रहे हैं वहीं उद्धव ने ग्रामीण इलाकों में पहुंच बनाई है। जोशी उस समय से बाल ठाकरे के साथ हैं जब 42 साल पहले शिव सेना की स्थापना हुई थी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री जोशी ने कहा कि एक जनवक्ता के रूप में बाला साहेब तेजतर्रार रहे हैं वहीं उद्धव कुछ गंभीर किस्म के हैं। जोशी ने कहा कि उद्धव एक राजनीतिज्ञ हैं। बाला साहेब सामाजिक...
कृषि विनाश का कारण बनी सरकारी योजनायें
महोबा। इसे विदेशी दबाव में सरकारी साजिश कहें या अदूरदर्शी और अपरिपक्व वैज्ञानिक दम्भ। हरित क्रांति की मृग मरीचिका कृषि और पर्यावरण के लिये विनाश कारी साबित हुयी है। पानी पहुंच से दूर हो गया और धरती फटने लगी। प्रकृति से जुड़ी प्राचीन विधाओं की अनदेखी का नतीजा सामने आया तो लौट के बुद्धू घर को आये कहावत चरितार्थ हुयी। यह प्रमाणित हुआ है हजारों अरब रुपये खर्च कर लागू की गयी योजनाओं को भूल अब दी जा रही परम्परागत तौर तरीके अपनाने की वैज्ञानिक व सरकारी सलाहों से। फिर भी क्षद्म धर्म निर्पेक्षिता और वोट की राजनीति सरकारी तौर पर प्रकृति संरक्षण की वैदिक विधा अपनाने में आड़े आ रही है। बीते साठ सालों में कृषि व पर्यावरण के क्षेत्र में किये गये तमाम सरकारी और वैज्ञानिक प्रयास प्रकृति के अनदेखी के कारण...
उद्योग का दर्जा मिलने पर होगा चाय की खेती का विकास
किशनगंज। सन् 1991 से 05 एकड़ से प्रायोगिक तौर पर किशनगंज में प्रारंभ हुई चाय की खेती आज 25 से 30 हजार एकड़ में फैल चुकी है। अब जरूरत है पश्चिम बंगाल की तरह चाय को उद्योग का दर्जा देने का, जिससे बिहार एवं दूसरे प्रदेश के लोग भूमि व प्लान्ट में निवेश कर...
डेयरी फार्मिग में तलाशें रोजगार
नई दिल्ली। अब वे दिन लद गए, जब लोग घर-घर जाकर दूध और दूध की बनी वस्तुएं बेचा करते थे। समय बदल चुका है और इसी के साथ डेयरी उत्पाद का स्वरूप भी बदल चुका है। अब इस क्षेत्र में आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रवेश हो चुका है। अब हमारे सामने एक ऐसा डेयरी उद्योग है, जिसका आधुनिकीकरण हो चुका है तथा तकनीकी परामर्श संगठन इस उद्योग की संरचना का हिस्सा बन चुका है। देश भर में लगभग चार सौ डेयरी संयंत्रों को डेयरी कार्मिकों की तलाश रहती है। इस उद्योग में काम करने के इच्छुक लोगों के लिए कैरियर के अनेक अवसर मौजूद है, चूंकि दूध और इससे बनी वस्तुएं हमारे दैनिक खान-पान का आधार है। अत: इनकी बहुत अधिक मांग रहती है। इस मांग की पूर्ति के लिए संबद्ध आधारभूत संरचना भी आवश्यक है। इसी कारण डेयरी प्रौद्योगिकी की जरूरत पड़ती...
पवार बनाम नीतीश
चीनी मिल के शिलान्यास के मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने बिहार में इथनाल इकाई की स्थापना के लिए चार प्रतिशत की दर पर ऋण मुहैया कराने की घोषणा तो की, लेकिन वे सवाल अनुत्तरित ही रह गये जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी यात्रा से पहले उठाये थे। श्री पवार ने 10 जून को चकिया प्रखंड के सरियतपुर में रूइया ग्रुप की ओर से लगायी जाने वाली चीनी मिल का शिलान्यास किया। यह राज्य के लिए अच्छी...
गेहूं, दाल व सब्जियां सस्ती होंगी : पवार
विशेष संवाददाता नई दिल्ली : कृषि मंत्री शरद पवार का कहना है कि गेहूं, दाल और सब्जियों की कीमतें जल्द सामान्य स्तर पर आ जाएंगी। जरूरी चीजों की महंगाई से आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। जरूरी चीजों की सप्लाई बढ़ाई जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो सरकार अपने बफर स्टॉक से आवश्यक वस्तुओं को खुले बाजार में उतारेगी। पवार ने माना...
नए भारत का निर्माण
पिछले छह दशकों में भारत में काफी बदलाव आया है, लेकिन परिवतर्न की गति अधिक तेज होनी चाहिए। यह भी जरूरी है कि विकास का लाभ सबको मिले। यदि भारत को विश्व में अपना उचित स्थान हासिल करना है तो अब तक जैसा चलता आया है उसे ही जारी नहीं रखा जा सकता। इसके लिए हमें राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज में परिवर्तन लाने होंगे। इस दिशा में पहला कदम तो यह है कि हम अपनी सोच में परिवर्तन लाएं। मामूली बदलाव से यह संभव नहीं। इसके लिए यह आवश्यक है कि नए भारत की हमारी परिकल्पना सर्वजनहिताय वाली हो। हमें ऐसा भारत बनाना है जहां हर नागरिक समर्थ हो, जहां जनता नई प्रौद्योगिकी व योग्यता हासिल कर सके और उद्यमशील पुरुषों व महिलाओं को अभूातपूर्व अवसर हासिल हों। असली सामर्थ्य तो तभी हासिल होगी जब हर व्यक्ति अपने भाग्य का स्वयं...
कोयला उद्योग में निजी भागीदारी पर विचार
कोलकाता [जाब्यू]। केन्द्रीय कोयला राज्य मंत्री संतोष बागड़ोदिया ने कहा कि अर्थव्यवस्था की त्त प्रतिशत वृद्धि दर को बनाये रखने के लिये निजी कम्पनियों के सहयोग से कोयले के उत्पादन और वितरण को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोयला...
खाद्यान्न संकट पर बेवजह की हाय-तौबा
नई दिल्ली। अर्थशास्त्रियों के विचार में विश्व में जरूरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध हैं, लेकिन लेकिन इसके संकट को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है। योजना आयोग के सदस्य तथा आर्थिक विशेषज्ञ प्रो. अभिजीत सेन ने कहा कि वर्ष 2005-06 से वर्ष 2007-08 तक तीन वर्ष के दौरान भारत में खाद्यान्न का उत्पादन अपेक्षाकृत कम रहा, लेकिन इस वर्ष हम इस दायरे से निकलते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक खेती से पारंपरिक रूप से 60 से 70 प्रतिशत लोग जुड़े थे, जो धीरे-धीरे इससे विमुख हो...
113 करोड़ की जिला योजना स्वीकृत
बाराबंकी, 30 जून: विकास भवन के स्वर्ण जयंती सभागार में प्रभारी मंत्री लालजी वर्मा की अध्यक्षता में आहूत बैठक में वर्ष 2008-09 के लिए 113 करोड़ रुपये की जिला योजना स्वीकृत की गयी। यह राशि बीते वर्ष की तुलना में 56 फीसदी अधिक है। बैठक शुरू होते ही गैर बसपाई जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव न लिये जाने का आरोप लगाते हुए भाजपा एम.एल.सी....
पेट्रो उत्पादों से नुकसान की भरपाई केंद्र नहीं करेगी
नई दिल्ली। केंद्र हो सकता है कि पेट्रोलियम उत्पादों के बिक्री कर में कटौती से होने वाले 8000 करोड़ रुपये के नुकसान में से आधे हिस्से की भरपाई की राज्यों की मांग को स्वीकार न करे। उक्त ईधनों की...
भारत के लिए भी जरूरी है स्पेस कमांड: कपूर
विशेष संवाददाता नई दिल्ली : थलसेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने चीन का नाम ले कर कहा है कि भारत के लिए भी अंतरिक्ष कमांड जरूरी है। तीनों सेनाओं के लिए एक साझा स्पेस सेल की रक्षा...
कश्मीर की राजनीति में संकीर्णता
जम्मू-कश्मीर सरकार का जो फैसला पूरे भारत में सामुदायिक सौहार्द की भावना को और आगे बढ़ाने का कारण हो सकता था, वही आज गठबंधन सरकार के प्रमुख घटक पीडीपी द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद सरकार के अल्पमत में आ जाने तथा जनता पर एक और चुनाव के बोझ, पूरे राज्य में सांप्रदायिक तनाव और वैमनस्य का सबब बन गया है। इसके मूल में कारण और कुछ नहीं, केवल कुछ लोगों की अत्यंत संकीर्ण सोच और स्वार्थ केंद्रित राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। ये ऐसे लोग है जो हर हाल में घाटी को देश की मुख्यधारा से तोड़े रखना चाहते है। चाहे इसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े! क्योंकि इनकी राजनीतिक रोटी इसी सामुदायिक वैमनस्य की आग में सिंकती है। यही वजह है जो पीडीपी ने पहले तो श्रद्धालुओं को अस्थायी आवासीय व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए...
पर्वतीय राज्य बनेंगे खाद्य उत्पादों के निर्यात केंद्र
नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। अंतरराष्ट्रीय खाद्य उत्पाद बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में पर्वतीय राज्यों की भूमिका अब अहम होगी। सरकार इन पर्वतीय राज्यों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का केंद्र बनाएगी, जहां से फल-फूल और सब्जियों का निर्यात किया जा सकता है। कृषि मंत्रालय इन राज्यों में जहां पहले...
करार पर कांग्रेस और लेफ्ट में जिद बरकरार
शकील अख्तर नई दिल्लीः अमेरिका से परमाणु समझौते के मुद्दे पर कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां अपने-अपने रुख पर अड़ी हुई हैं और सीपीएम के एक नेता ने संसद में विपक्ष के साथ बैठने की चेतावनी भी शुक्रवार को दे दी, फिर भी डायलॉग जारी है। सीपीएम महासचिव प्रकाश कारत ने विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी से उनके घर पर भेंट की। इस दौरान रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी भी मौजूद थे। इस भेंट के बाद कारत ने कहा कि हम अपने रुख पर कायम हैं। हमने प्रणव से कहा कि अमेरिका से परमाणु समझौता नहीं करना चाहिए। कारत के बाद सीपीआई...
सरकार की गेहूं जारी करने की योजना
नई दिल्ली। लगभग 222 लाख टन गेहूं के भंडार को देखते हुए केंद्र सरकार...
करार पर बीच का रास्ता निकालने के लिए आज मीटिंग
शकील अख्तर नई दिल्ली : भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर बुधवार को होने वाली यूपीए-लेफ्ट समन्वय समिति की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। डील पर पिछले एक हफ्ते से कांग्रेस और लेफ्ट में चल रहे भारी तनाव के बीच यह पहला मौका होगा जब बैठक में यूपीए की पार्टियां मध्यस्थता की प्रभावशाली भूमिका में नजर आएंगी। इन पार्टियों के नेताओं शरद पवार, लालू प्रसाद यादव, करुणानिधि और राम विलास पासवान की सबसे बड़ी चिंता यह है कि डील पर कांग्रेस और लेफ्ट के संबंध इस हद तक न बिगड़ें कि इसका फायदा बीजेपी को मिल जाए। पवार और...
No comments:
Post a Comment